Contract Employee News: 32,000 संविदा कर्मियों को सरकार का ‘न्यू ईयर गिफ्ट’, सैलरी और सुरक्षा पर हुआ ऐतिहासिक फैसला
Contract Employee News: मध्य प्रदेश में ‘संविदा’ (Contract) शब्द सुनते ही कर्मचारियों के मन में असुरक्षा और कम वेतन का ख्याल आता था। लेकिन, साल 2025 की विदाई के साथ प्रदेश की मोहन सरकार ने इस परिभाषा को बदलने की ठान ली है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत काम करने वाले 32,000 से अधिक संविदा कर्मचारियों के लिए आज का दिन किसी त्यौहार से कम नहीं है।
सरकार ने संविदा कर्मियों की सुध लेते हुए नया एचआर मैनुअल (New HR Manual) लागू कर दिया है। यह फैसला सिर्फ एक कागजी आदेश नहीं है, बल्कि उन हजारों परिवारों के लिए ‘संजीवनी’ है, जो सालों से अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे थे। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि इस नए मैनुअल से आपकी जिंदगी में क्या बदलाव आने वाला है।
खत्म हुआ ‘मार्च’ का डर (Contract Renewal की टेंशन खत्म)
संविदा कर्मचारियों की सबसे बड़ी पीड़ा यही थी कि हर साल मार्च का महीना आते ही उनकी धड़कनें बढ़ जाती थीं। डर रहता था कि पता नहीं अगले साल के लिए अनुबंध (Contract) रिन्यू होगा या नहीं। अधिकारी अपनी मनमर्जी चलाते थे।
लेकिन अब यह ‘तलवार’ हटा ली गई है।
नया नियम: नए मैनुअल के मुताबिक, अब हर साल अनुबंध नवीनीकरण (Renewal) की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब है कि जब तक आप कोई गंभीर गलती नहीं करते, आपकी नौकरी पक्की है। आपको अब बार-बार कोर्ट-कचहरी या अफसरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
महंगाई के साथ कदम मिलाएगी आपकी सैलरी (CPI Formula)
अब तक संविदा कर्मियों का दर्द यह था कि बाजार में दूध-सब्जी के दाम तो बढ़ रहे थे, लेकिन उनकी सैलरी सालों-साल एक ही जगह अटकी रहती थी। एनएचएम ने अब सैलरी बढ़ाने का एक वैज्ञानिक तरीका अपनाया है।
CPI से जुड़ा वेतन: अब आपकी सैलरी को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) से जोड़ दिया गया है।
फायदा: आसान शब्दों में कहें तो, जैसे-जैसे महंगाई का सूचकांक ऊपर जाएगा, आपकी वार्षिक वेतनवृद्धि (Annual Increment) अपने आप हो जाएगी। अब आपको वेतन बढ़ाने के लिए हड़ताल या प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अनुकंपा नियुक्ति: अब परिवार को नहीं छोड़ा जाएगा बेसहारा
शायद इस मैनुअल का सबसे मानवीय और भावुक पहलू ‘अनुकंपा नियुक्ति’ है। पहले अगर ड्यूटी के दौरान किसी संविदा साथी की मृत्यु हो जाती थी, तो विभाग कुछ पैसे (अनुग्रह राशि) देकर पल्ला झाड़ लेता था। परिवार सड़क पर आ जाता था।
अब मृतक कर्मचारी के परिवार (पति/पत्नी/बच्चे) के पास अधिकार होगा। वे चाहें तो एकमुश्त राशि ले लें, या फिर विभाग में नौकरी (अनुकंपा नियुक्ति) मांग लें।
सबूत: यह सिर्फ हवा-हवाई बात नहीं है। हाल ही में टीकमगढ़ जिला अस्पताल में एक संविदा ANM के दुखद निधन के बाद, उनकी बेटी को डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी दी गई है। यह प्रदेश का पहला मामला है, जिसने साबित कर दिया कि सरकार अब संविदा कर्मियों को अपना परिवार मानने लगी है।
Contract Employee News ट्रांसफर और छुट्टियों में भी मिली राहत
अक्सर देखा जाता था कि संविदा कर्मी अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर नौकरी करते थे और उनका ट्रांसफर नहीं हो पाता था। नए नियमों ने इसे भी आसान कर दिया है:
ट्रांसफर: अब आप जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से जिले के भीतर अपना मनचाहा स्थानांतरण करवा सकेंगे।
अवकाश: नियमित कर्मचारियों की तरह ही अब संविदा कर्मियों को भी छुट्टियों का लाभ मिलेगा, जिससे काम और निजी जीवन में संतुलन बना रहेगा।
बदलाव की नई लहर
मिशन डायरेक्टर सलोनी सिडाना के नेतृत्व में तैयार किया गया यह नया एचआर मैनुअल वाकई तारीफ के काबिल है। यह फैसला न केवल कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करेगा, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ कहे जाने वाले इन कर्मियों का मनोबल भी बढ़ाएगा। जब कर्मचारी खुश होगा, तो जाहिर है अस्पताल में मरीजों की सेवा भी बेहतर होगी।
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम अन्य विभागों के संविदा कर्मचारियों के लिए भी एक उम्मीद की किरण बनकर आया है।
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