8th Pay Commission: फिटमेंट फैक्टर पर सबसे बड़ा अपडेट, सैलरी और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी संभव?
8th Pay Commission:केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) आने वाले वर्षों का सबसे बड़ा आर्थिक मुद्दा बन चुका है।
जैसे ही सरकार ने वेतन आयोग के गठन, अध्यक्ष और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को लेकर संकेत दिए, उसी समय से एक सवाल सबसे ज्यादा चर्चा में है, फिटमेंट फैक्टर कितना होगा?
फिटमेंट फैक्टर ही वह आधार है, जो यह तय करता है कि आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी और पेंशन नई वेतन संरचना में कितनी बढ़ेगी। यही कारण है कि कर्मचारी, पेंशनर और यूनियन सभी की निगाहें इसी एक नंबर पर टिकी हुई हैं।
फिटमेंट फैक्टर क्या है और यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर (गुणक) होता है, जिससे मौजूदा बेसिक वेतन को गुणा करके नया बेसिक वेतन तय किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का वर्तमान बेसिक वेतन ₹25,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय होता है, तो नया बेसिक वेतन ₹50,000 हो जाएगा।
यानी फिटमेंट फैक्टर जितना ज्यादा होगा,
- उतनी ज्यादा बेसिक सैलरी
- ज्यादा पेंशन
- उतनी ज्यादा ग्रेच्युटी और PF
इसीलिए इसे पूरे वेतन आयोग का “दिल” कहा जाता है।
फिटमेंट फैक्टर कैसे तय किया जाता है?
यह कोई तय फॉर्मूला नहीं होता, बल्कि कई आर्थिक और सामाजिक संकेतकों के आधार पर तय किया जाता है। वेतन आयोग और सरकार निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान देती है:
- मौजूदा महंगाई दर (CPI / CPI-IW)
- सरकार की राजकोषीय स्थिति और बजट क्षमता
- पिछले वेतन आयोगों का प्रभाव
- मौजूदा DA (महंगाई भत्ता)
- कर्मचारियों की जीवन-यापन लागत
- निजी क्षेत्र में वेतन वृद्धि का ट्रेंड
सरकार की कोशिश रहती है कि कर्मचारियों को वास्तविक राहत मिले, लेकिन सरकारी खजाने पर असहनीय बोझ भी न पड़े।
पिछले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर का इतिहास
6वां वेतन आयोग
- शुरुआती सिफारिश: 1.74
- सरकार ने बढ़ाकर किया: 1.86
- DA और डियरनेस पे को बेसिक में मर्ज कर वास्तविक लाभ दिया गया
7वां वेतन आयोग
- सभी लेवल के लिए समान फिटमेंट फैक्टर: 2.57
- उस समय DA करीब 125% था
- वास्तविक शुद्ध बढ़ोतरी लगभग 14% मानी गई
इन उदाहरणों से साफ है कि फिटमेंट फैक्टर हमेशा आर्थिक हालात और कर्मचारियों की मांगों के संतुलन से तय होता है।
क्या 8वें वेतन आयोग में सभी लेवल पर एक ही फिटमेंट फैक्टर होगा?
7वें वेतन आयोग की तरह ही संभावना है कि
8वें वेतन आयोग में भी Level-1 से Level-18 तक एक समान फिटमेंट फैक्टर रखा जाए।
हालांकि, अलग-अलग लेवल के लिए Index of Rationalisation (IoR) अलग हो सकता है, लेकिन वह फिटमेंट फैक्टर से अलग गणना होती है।
DA और इंक्रीमेंट का फिटमेंट फैक्टर पर असर
- वर्तमान में DA लगभग 58% के आसपास है
- अगले 1–2 वर्षों में इसमें 6–8% तक और बढ़ोतरी संभव मानी जा रही है
- हर साल मिलने वाली इंक्रीमेंट भी बेसिक को बढ़ाती है
जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तो DA को बेसिक में मर्ज किया जाता है। इसलिए कागज़ पर फिटमेंट फैक्टर बड़ा दिखता है, लेकिन वास्तविक “नई बढ़ोतरी” इससे कम होती है।
8th Pay Commission: संभावित फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है?
कर्मचारी संगठनों, वेतन विशेषज्ञों और मौजूदा आर्थिक संकेतकों के आधार पर जो अनुमान सामने आ रहे हैं, वे इस प्रकार हैं:
- मौजूदा DA + इंक्रीमेंट जोड़ने पर आधार लगभग 1.95–2.0 तक पहुंचता है
- इसके ऊपर वास्तविक राहत जोड़ने पर
- फिटमेंट फैक्टर 2.0 से 2.2 के बीच रहने की संभावना सबसे ज्यादा मानी जा रही है
कर्मचारी संगठन 2.5 से ऊपर की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए 2.0–2.2 को ज्यादा यथार्थवादी माना जा रहा है।
सैलरी पर संभावित असर (अनुमान)
| मौजूदा बेसिक | 2.0 फिटमेंट | 2.2 फिटमेंट |
| ₹18,000 | ₹36,000 | ₹39,600 |
| ₹25,000 | ₹50,000 | ₹55,000 |
| ₹50,000 | ₹1,00,000 | ₹1,10,000 |
पेंशनरों को कितना फायदा मिलेगा?
पेंशन = संशोधित बेसिक का 50%
अगर किसी पेंशनर का मौजूदा बेसिक ₹25,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय होता है:
- नया बेसिक: ₹50,000
- नई पेंशन: ₹25,000
यानी पेंशनरों को भी सीधा और स्थायी लाभ मिलेगा।
अंतिम फैसला कौन लेता है?
यह समझना बहुत जरूरी है:
- वेतन आयोग केवल सिफारिश करता है
- अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) लेता है
6वें वेतन आयोग में सरकार ने आयोग से ज्यादा फिटमेंट फैक्टर मंजूर किया था। इसलिए 8वें वेतन आयोग में भी सरकार संशोधन कर सकती है।
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