PM Vishwakarma Yojana:5% ब्याज पर 3 लाख रुपये तक का लोन, इन लोगों के लिए है मोदी सरकार का बड़ा तोहफा
PM Vishwakarma Yojana:भारत में पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार सदियों से समाज और अर्थव्यवस्था की मजबूती का आधार रहे हैं। बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी, मोची, नाई, राजमिस्त्री जैसे पेशे न केवल लोगों की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करते हैं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखते हैं। आधुनिक समय में हालांकि ये लोग कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं,आर्थिक कठिनाइयाँ, संसाधनों की कमी, सीमित पहचान और बाजार तक पहुँच की समस्याएँ। इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य परंपरागत कौशल से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और पहचान प्रदान करना है ताकि वे आत्मनिर्भर बनें और देश की विकास यात्रा में सहभागी बन सकें।
इस योजना का लाभ उन कारीगरों और शिल्पकारों को दिया जाता है जो स्वरोजगार कर रहे हैं और जिनकी पारंपरिक सेवाओं का समाज में योगदान महत्वपूर्ण है। सरकार चाहती है कि उनका हुनर न केवल वर्तमान पीढ़ी तक सीमित रहे, बल्कि भविष्य में भी उनका उपयोग होता रहे और उन्हें उचित सम्मान मिले। साथ ही ‘लोकल से ग्लोबल’ की दिशा में ये कारीगर विश्व बाजार में अपनी पहचान बना सकें, इसका भी लक्ष्य है।
योजना में मिलने वाले लाभ,आसान लोन, प्रशिक्षण और पहचान
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को कई तरह की सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें ₹3 लाख तक का बिना गारंटी लोन दो चरणों में उपलब्ध कराया जाता है। यह लोन केवल 5% ब्याज दर पर दिया जाता है, जिससे आर्थिक मदद आसानी से मिल सके। लोन के माध्यम से कारीगर अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं, उपकरण खरीद सकते हैं और नए अवसर तलाश सकते हैं।
इसके अलावा, प्रशिक्षण अवधि के दौरान उन्हें ₹500 प्रतिदिन का स्टाइपेंड भी दिया जाता है। यह राशि उनके खर्चों में सहायता करती है ताकि वे प्रशिक्षण लेकर कौशल में सुधार कर सकें। साथ ही, योजना के अंतर्गत उन्हें ₹15,000 तक की आधुनिक टूलकिट भी उपलब्ध कराई जाती है, जिससे वे अपने काम को अधिक प्रभावी और पेशेवर तरीके से कर सकें।
योजना के तहत पहचान पत्र भी प्रदान किया जाता है। लाभार्थियों को PM विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और पहचान पत्र (ID Card) मिलता है, जो उनके कौशल का प्रमाण है। इससे न केवल उन्हें काम मिलने में मदद मिलती है बल्कि बैंक लोन और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी आसानी होती है। पहचान मिलने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे समाज में एक सम्मानित भूमिका निभा सकते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया और आवश्यक शर्तें
अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको कुछ जरूरी शर्तों और दस्तावेजों को पूरा करना होगा। सबसे पहले, आवेदन करने के लिए आपकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। साथ ही आपको 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में कार्यरत होना चाहिए, जैसे बढ़ई, लोहार, कुम्हार, दर्जी आदि। यह योजना केवल उन लोगों के लिए है जो स्वरोजगार कर रहे हैं और जिनके परिवार में कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है। साथ ही पिछले 5 वर्षों में आपने इस योजना का लाभ नहीं लिया होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी या राशन कार्ड (पते का प्रमाण)
- जाति प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो)
- बैंक पासबुक या खाता विवरण
- आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर
- हाल की पासपोर्ट आकार की फोटो
आवेदन करने की प्रक्रिया:
- सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
- होम पेज पर जाकर लॉगिन विकल्प पर क्लिक करें और ‘CSC View E-Shram Data’ चुनें।
- अपनी CSC ID और पासवर्ड दर्ज कर लॉगिन करें।
- दिखाई गई सूची में से योग्य कारीगर का चयन करें।
- इसके बाद ‘csc register artisans’ विकल्प चुनें और दोबारा लॉगिन करें।
- प्रारंभिक डिक्लेरेशन भरें, जिसमें यह बताना होगा कि आपके परिवार में कोई सरकारी नौकरी नहीं है और आपने पिछले 5 वर्षों में इस योजना का लाभ नहीं लिया।
- अपना आधार नंबर और आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर दर्ज करें। इसके बाद OTP वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक से पहचान सत्यापित करें।
- वेरिफिकेशन के बाद रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा और आपको योजना का लाभ मिलने लगेगा।
इस पूरी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है ताकि कारीगर बिना किसी कठिनाई के आवेदन कर सकें। साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके आवेदन प्रक्रिया को तेज और विश्वसनीय बनाया गया है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल उन्हें आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि पहचान और सम्मान भी मिलेगा। योजना के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश की पारंपरिक कौशल संपदा का संरक्षण हो, उन्हें नई तकनीक और आधुनिक उपकरण मिलें, और वे आत्मनिर्भर बन सकें। अगर आप इस योजना के योग्य हैं तो जल्दी आवेदन करें और अपने हुनर को नई ऊँचाइयों तक ले जाएं।
यह योजना भारतीय कारीगरों के लिए न केवल मदद है बल्कि उनके हुनर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का एक बेहतरीन अवसर है। आज ही आवेदन करके खुद को सशक्त बनाइए और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दीजिए।