Ration e-KYC Update:e-KYC अभियान में ढील, 2.38 लाख लोगों का राशन रोका गया
Ration e-KYC Update:राशन कार्ड में दर्ज प्रत्येक यूनिट (सदस्य) की ई-केवाइसी कराने के लिए चलाया जा रहा विशेष अभियान पिछले छह महीनों से लगातार जारी है। प्रशासन द्वारा समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को ई-केवाइसी कराने के लिए प्रेरित किया गया। बावजूद इसके जिले में करीब 14 प्रतिशत यूनिटों ने अब तक ई-केवाइसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है। इन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए प्रशासन ने 2.38 लाख यूनिटों का राशन रोक दिया है।
जिले में कुल 820 उचित दर की दुकानें संचालित हैं, जहां से राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न प्रदान किया जाता है। इन दुकानों पर 4.71 लाख राशन कार्ड सक्रिय हैं, जिनमें 17 लाख यूनिट यानी सदस्य शामिल हैं। इनमें से अब तक 14.62 लाख यूनिटों ने ई-केवाइसी कराई है, जबकि शेष 2.38 लाख यूनिट प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके हैं। इनमें वे सदस्य शामिल हैं जो पहले से कार्ड पर दर्ज हैं, साथ ही हाल ही में जोड़ी गई नई यूनिटें भी इसमें शामिल हैं।
प्रशासन का कहना है कि यह अभियान पूरी पारदर्शिता के साथ चल रहा है और लोगों को पर्याप्त समय दिया गया है। फिर भी बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी ई-केवाइसी प्रक्रिया पूरी नहीं की। इस वजह से अब उन्हें राशन वितरण से वंचित कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि 25 सितंबर तक ई-केवाइसी कराने का अंतिम मौका दिया गया है, उसके बाद यदि प्रक्रिया पूरी नहीं की गई तो संबंधित यूनिटों के नाम राशन कार्ड से काट दिए जाएंगे।

Ration वितरण पर पड़ा असर, कोटेदारों को दिए निर्देश
e-KYC न कराने वाले परिवारों को सितंबर माह से राशन वितरण नहीं किया जा रहा है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राशन तभी मिलेगा जब सदस्य अपनी ई-केवाइसी कराकर रिकॉर्ड अपडेट कराएंगे। इसके लिए जिलेभर के कोटेदारों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद ऐसे परिवारों से संपर्क कर उन्हें ई-केवाइसी कराने के लिए प्रेरित करें।
डीएसओ संजीव कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मिलाकर लगभग 2.38 लाख यूनिटें ऐसी हैं जिन्होंने प्रक्रिया पूरी नहीं की। उन्होंने कहा कि कई बार नोटिस जारी कर ई-केवाइसी कराने की तारीख बढ़ाई गई, लेकिन इसके बावजूद अधिकांश यूनिटों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। संजीव कुमार सिंह ने यह भी कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता पारदर्शिता और पात्र परिवारों को ही लाभ देना है। इसलिए ई-केवाइसी को अनिवार्य कर दिया गया है ताकि अपात्र या मृत सदस्यों का नाम हटाया जा सके।
उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे नजदीकी उचित दर की दुकान पर जाकर अपनी ई-केवाइसी प्रक्रिया पूरी करें। जो सदस्य स्वयं नहीं आ सकते, वे अपने परिवार के अन्य सदस्य या स्थानीय प्रतिनिधि की मदद से भी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके बाद ही राशन वितरण पुनः शुरू होगा। प्रशासन की तरफ से यह भी बताया गया कि ई-केवाइसी कराने में किसी भी प्रकार की समस्या आने पर संबंधित कोटेदार से मदद ली जा सकती है। साथ ही, हेल्पलाइन नंबर जारी कर मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है।
समय सीमा के बाद नाम काटे जाएंगे, प्रशासन का कड़ा रुख
ई-केवाइसी न कराने पर प्रशासन का रुख कड़ा हो गया है। जिन यूनिटों ने 25 सितंबर तक ई-केवाइसी नहीं कराई, उन्हें अगले महीने से राशन वितरण सूची से हटा दिया जाएगा। डीएसओ संजीव कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया आवश्यक है ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे और केवल पात्र परिवारों को ही योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि मृत व्यक्तियों या दोहरी यूनिटों का नाम हटाने में यह प्रक्रिया मददगार होगी, जिससे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा।
प्रशासन ने यह भी बताया कि जिन यूनिटों का नाम काटा जाएगा, उन्हें दोबारा लाभ तभी मिलेगा जब वे अपनी ई-केवाइसी प्रक्रिया पूरी कर सही जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इस प्रक्रिया के बाद ही उनकी पात्रता की पुष्टि होगी। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि जिन लोगों की यूनिट सही पाई जाएगी, उन्हें नियमित रूप से राशन मिलना शुरू हो जाएगा।
सारांश रूप में, यह अभियान न केवल सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए चलाया जा रहा है बल्कि यह खाद्यान्न वितरण में अनियमितताओं को रोकने का एक महत्वपूर्ण कदम है। जिले के नागरिकों से प्रशासन ने अपील की है कि वे समय रहते अपनी ई-केवाइसी कराएं ताकि राशन जैसे आवश्यक लाभ से वंचित न रह जाएं। साथ ही, उचित दर की दुकानों पर जाकर प्रक्रिया पूरी करने से न केवल उनका हक सुरक्षित रहेगा, बल्कि पूरे जिले में योजना का लाभ सही तरीके से पहुँच सकेगा।
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